पहला हमला चीन करे, यही उद्देश्‍य रखकर अमरीका की उकसानेवाली कोशिशें जारी – चीनी विश्‍लेषकों का आरोप

पहला हमला चीन करे, यही उद्देश्‍य रखकर अमरीका की उकसानेवाली कोशिशें जारी – चीनी विश्‍लेषकों का आरोप

बीजिंग/तैपेई – अमरीका ने तैवान के साथ साउथ चायना सी के क्षेत्र में शुरू की हुई आक्रामक गतिविधियां यानी चीन ही पहला हमला करे, इसी उद्देश्‍य से हो रही उकसानेवाली कोशिशें हैं, यह आरोप चीनी विश्‍लेषकों ने किया है। अमरीका के लष्करी एवं गश्‍ती विमान तैवान की भूमी का इस्तेमाल कर रहे हैं, यह दावा भी यह विश्‍लेषक कर रहे हैं। चीनी विश्‍लेषक यह आरोप लगा रहे थे तभी तैवान का दौरा कर रहे यूरोपिय नेता मिलॉस विस्त्रसिल ने, हम तैवानी हैं, यह बयान करके सनसनी मचाई है। चीन के वरिष्ठ नेता यूरोप दौरे पर होते हुए यूरोपिय नेता ने खुलेआम तैवान का समर्थन करनेवाली भूमिका अपनाना चीन के लिए बड़ा झटका समझा जा रहा है।

रविवार के दिन अमरिकी विध्वंसक ने तैवान की खाड़ी में गश्‍त लगाई थी। उसके साथ ही अमरीका का गश्‍त विमान ‘ईपी-३ई’ तैवान की हवाई सीमा में चीन की सीमा के करीब देखा गया था। चीन समुद्री क्षेत्र में युद्धाभ्यास कर रहा था तभी अमरिकी स्पाय प्लेन ने चीनी सेना ने घोषित किए हुए ‘नो फ्लाय ज़ोन’ में प्रवेश किया था। इसी दौरान अमरिकी युद्धपोत करीबी समुद्री क्षेत्र में तैनात की गई थी। इन घटनाओं के साथ अमरिकी लड़ाकू और गश्‍ती विमानों ने बीते कुछ महीनों में चीन की सीमा के करीब उड़ान भरने की मात्रा बढ़ने की ओर भी चीनी विश्‍लेषकों ने ध्यान आकर्षित किया है।

अमरीका की यह बढ़ती लष्करी गतिविधियां चीन को उकसाने की कोशिश होने का दावा चीनी विश्‍लेषकों ने किया है। चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स ने इससे संबंधित समाचार प्रसिद्ध किया है। इससे साउथ चायना सी में पहला हमला चीन ही करे, इसके लिए अमरीका कोशिश कर रही है, यह आरोप भी किया गया है। अमरीका की इन गतिविधियों की वजह से साउथ चायना सी में बना तनाव अधिक बढ़ रहा है, यह इशारा भी ग्लोबल टाईम्स ने अपने समाचार में दिया है। अमरीका के निदेशों से ही तैवान के कुछ विश्‍लेषक और विशेषज्ञ चीन की लष्करी ताकत को कम दिखानेवाले बयान कर रहे हैं, यह बात भी चीनी मुखपत्र ने अपने समाचार में कही है।

चीनी विश्‍लेषक और प्रसारमाध्यम अमरीका के खिलाफ़ आरोप कर रहे थे तभी तैवान का दौरा कर रहा यूरोपिय शिष्टमंडल चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के लिए नई चुनौती साबित हुआ है। युरोपिय महासंघ के सदस्य ज़ेक रिपब्लिक के संसद प्रमुख मिलॉस विस्त्रसिल इस शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे है। उन्होंने मंगलवार के दिन तैवान की संसद को संबोधित किया। हम तैवान और आज़ादी के समर्थक हैं, यह बात हम मौजूद सभी को बताने की इच्छा रखते हैं, यह बयान करके विस्त्रसिल ने खलबली मचाई।

यह बयान करते समय उन्होंने दिवंगत अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष जॉन एफ.केनेडी ने वर्ष १९६३ में पश्‍चिम बर्लिन में किए बयान का दाखिला दिया। केनेडी ने उस समय ‘आयएम बर्लिनर’, यह बयान किया था। यह बयान पूर्व जर्मनी में कम्युनिस्ट हुकूमत स्थापित कर रही रशिया को संबोधित करने के लिए था, ऐसा कहा जा रहा है। उसी का दाखिला देकर ज़ेक नेता ने तैवान का किया समर्थन ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित हुआ है। मिलॉस विस्त्रसिल के सनसनीखेज़ बयान पर चीन से तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हुई हैं। ज़ेक नेताओं ने रेड़ लाईन का उल्लंघन किया है, ऐसा इशारा चीन के विदेशमंत्री वँग यी ने दिया है।

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