इस्रायल के मोसाद के कारण ईरान की हुकूमत दहल गई – अमरिकी अखबार का दावा

इस्रायल के मोसाद के कारण ईरान की हुकूमत दहल गई – अमरिकी अखबार का दावा

वॉशिंग्टन – पिछले कुछ महीनों में इस्रायली गुप्तचर यंत्रणा ने ईरान में करवाये हमले और विस्फोट, इससे ईरान की हुकूमत की प्रतिष्ठा खतरे में पड़ गई है, ऐसा दावा ‘द न्यूयॉर्क टाईम्स’ इस अमरिकी अखबार ने किया है। ईरानी नेता और ईरान विषयक विश्लेषकों के हवाले से इस अमरिकी अखबार ने यह दावा किया। इस्रायली गुप्तचर यंत्रणा के ऐसे कारनामों के लिए ईरान से मिलनेवाली सहायता और ऐसे ईरानियों पर कार्रवाई करने में मिली असफलता, इससे ईरान की हुकूमत दहल गई है, ऐसा इस अखबार ने कहा है।

दस दिन पहले ईरान के नातांझ न्यूक्लियर प्लांट में हुआ विस्फोट इस्रायल ने ही कराया होने का आरोप ईरान कर रहा है। इस हमले के लिए रेझा करिमी इस स्थानीय ईरानी नागरिक ने इस्रायल का गुप्तचर संगठन ‘मोसाद’ की सहायता की, ऐसा ईरान की यंत्रणाओं ने कहा था। इस हमले से पहले करीमी ने ईरान से पलायन किया होकर, ईरान की यंत्रणाएँ करीमी की खोज कर रहीं होने की खबरें सामने आईं थीं। इस विस्फोट के कारण ईरान की गुप्तचर और सुरक्षा यंत्रणाओं की खामियाँ स्पष्ट रूप में सामने आई हैं, ऐसा इस अमरिकी अखबार ने कहा है।

इसके लिए इस अमेरिकी अखबार ने पिछले नौं महीनों में ईरान में घटित घटनाओं का हवाला दिया। पिछले साल अगस्त महीने में ईरान की राजधानी तेहरान में मोटरसाइकिल पर आए हमलावर ने, अल कायदा का दूसरे नंबर का नेता अब्दुल्ला अहमद अब्दुल्ला अथवा अबू मुहम्मद अल-मसरी को राजधानी तेहरान में दिनदहाड़े मार दिया। अभी भी इस हमलावर का पता नहीं चल सका है, इसकी याद अमरिकी अखबार ने करा दी। मसरी को ईरान की हुकूमत ने पनाह दी थी। इस कारण उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी ईरान की हुकूमत पर ही थी।

इसके बाद अगले तीन महीनों में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख वैज्ञानिक मोहसिन फखरीझादेह की भी हत्या कराई गई। आर्टिफिशल इंटेलिजन्स के जरिए, मोटर पर बिठाई मशिनगन का इस्तेमाल करके फखरीझादेह की हत्या कराई होने का आरोप ईरान ने किया था। यह यंत्रणा ईरान में कैसे पहुँची, इसका सुराग ढूंढने में ईरान की यंत्रणा नाकामयाब साबित हुई, ऐसा इस अमरिकी अखबार ने कहा है।

इसके अलावा नातांझ ईरान के परमाणु कार्यक्रम के सबसे महत्वपूर्ण प्लांट में दो बार विस्फोट हुए । पिछले हफ्ते में नातांझ में हुए हमले की गूँजें ईरान की संसद में भी सुनाई दी हैं। इससे अपना देश विदेशी जासूसों के लिए स्वर्ग साबित हो रहा है, ऐसी आलोचना ईरानी संसद के सामरिक विभाग के प्रमुख ने की थी। साथ ही, ईरान की सुरक्षा और गुप्तचर यंत्रणा के वरिष्ठ अधिकारियों के इस्तीफे की माँग इरान की संसद में की गई, ऐसी जानकारी द न्यूयॉर्क टाइम्स ने दी।

इससे पहले भी ईरान के वैज्ञानिक और लष्करी स्थानों पर हमले हुए थे। लेकिन पिछले नौं महीने में इन हमलों की तीव्रता बढ़ी है। उसी के साथ, मोसाद ने करवाए इन हमलों को ईरान से ही सहायता मिल रही है। लेकिन इन एजेंट्स को गिरफ्तार करने में अथवा उनपर कार्रवाई करने में ईरान की यंत्रणा को सफलता नहीं मिली है और यही बात ईरान की हुकूमत के लिए बहुत ही शर्मनाक है, ऐसा ‘द न्यूयॉर्क टाईम्स’ ने कहा है। इससे ईरान में दूर-दूर तक मोसाद का नेटवर्क फैला होने की बात सामने आई होकर, उनकी व्यवस्था के सामने ईरान की हुकूमत बेअसर साबित होने का दावा यह अमरिकी अखबार कर रहा है।

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