चीन-तैवान संघर्ष की पृष्ठभूमि पर अमरीका और जापान का ‘सीक्रेट वॉरगेम’

वॉशिंग्टन/टोकियो – चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने तैवान के मुद्दे पर दी हुई धमकी की पृष्ठभूमि पर अमरीका और जापान ने गुप्त युद्धाभ्यास करना शुरू किया होने की जानकारी सामने आयी है। ‘द फाइनान्शियल टाईम्स’ नामक अखबार ने इससे संबंधित खबर प्रसिद्ध की है। अमरीका और जापान के विश्‍वसनीय सूत्रों के दाखिले से यह खबर जारी करने का दावा भी इस अखबार ने किया है।

सीक्रेट वॉरगेम

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने राजनीतिक स्तर पर एवं रक्षा क्षेत्र में तैवान को बड़ी मात्रा में सहयोग करने की नीति चलाई थी। अमरीका की इस नीति में इंडो-पैसिफिक के अन्य प्रमुख देशों द्वारा भी तैवान के साथ सहयोग बढ़ाने का मुद्दा शामिल था।

इसके अनुसार जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया ने तैवान के साथ विभिन्न स्तरों पर संबंध दृढ़ करना शुरू किया है। तैवान के मुद्दे पर संघर्ष भड़कने पर इस दौरान तैवान का समर्थन करने की भूमिका जापान और ऑस्ट्रेलिया ने अपनाई है। कुछ दिन पहले ही जापान के रक्षामंत्री ने तैवान की सुरक्षा जापान से जुड़ी है, यह वादा किया था।

फिलहाल अमरीका और जापान के बीच गुप्त ‘टेबलटॉप वॉरगेम्स’ भी ट्रम्प के कार्यकाल में अपनाई नीति का हिस्सा होने की बात कही जा रही हैं। अमरीका के एक पूर्व अफसर ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार तैवान के लिए ‘इंटिग्रेटेड वॉर प्लैन’ तैयार करना अमरीका और जापान के ‘सीक्रेट वॉरगेम्स’ का हिस्सा है। इस कारण अमरीका, जापान और तैवान के बीच जानकारी के आदान-प्रदान के लिए स्वतंत्र दायरा तैयार किया जा रहा है, यह जानकारी सूत्रों ने प्रदान की।

‘टेबलटॉप वॉरगेम्स’ के साथ ही साउथ चायना सी एवं ईस्ट चायना सी में ‘डिज़ास्टर ट्रेनिंग’ के नाम से युद्धाभ्यास का आयोजन किया जा रहा है और इसके पीछे भी तैवान के मुद्दे से जुड़ी योजना के अभ्यास का उद्देश्‍य होने का बयान ‘द फाइनान्शियल टाईम्स’ ने अपने वृत्त में किया है।

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