जैश और लश्‍कर के शामिल होने से अफ़गानिस्तान में जारी संघर्ष अंतरराष्ट्रीय बना – अफ़गान राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी का इशारा

काबुल – ‘हमारी सरकार तालिबान के साथ सीधे बातचीत करने के लिए तैयार है। क्योंकि, लष्करी संघर्ष से अफ़गानिस्तान के मसले का हल नहीं निकल सकता। लेकिन, पाकिस्तान की ‘जैश ए मोहम्मद’ और ‘लश्‍कर ए तोयबा’ के आतंकियों की बढ़ती घुसपैठ की वजह से अफ़गानिस्तान में संघर्ष अंतरराष्ट्रीय युद्ध में तब्दील हुआ है’, यह बयान करके अफ़गानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने जोरदार हमला किया। इसके अलावा, क्या तालिबान और उनके समर्थक वास्तव में बातचीत करना चाहते हैं, इसकी जाँच अंतरराष्ट्रीय समुदाय करे, यह इशारा भी गनी ने दिया।

गनी सरकार और तालिबान राजनीतिक बातचीत के माध्यम से अफ़गानिस्तान में संघर्ष के मसले का हल निकालें, ऐसा आवाहन अंतरराष्ट्रीय समुदाय कर रहा है। लष्करी ताकत का प्रयोग करके तालिबान अफ़गानिस्तान में सत्ता स्थापित नहीं कर सकती और ऐसी हुकमत को अंतरराष्ट्रीय मंजूरी नहीं मिलेगी, यह इशारा संयुक्त राष्ट्रसंघ ने दिया है। लेकिन, अश्रफ गनी को राष्ट्राध्यक्ष पद से हटाए बगैर बातचीत मुमकिन ना होने की बात तालिबान कह रही है। इस माँग को अफ़गान सरकार ने स्वीकारने की बिल्कुल संभावना नहीं है, इस बात की तालिबान को पूरी जानकारी है। केवल समय जाया करने के लिए तालिबान ने यह माँग उठाई होने का बयान विश्‍लेषक कर रहे हैं।

ऐसी स्थिति में राष्ट्राध्यक्ष गनी ने बुधवार के दिन अफ़गानिस्तान में सर्वदलीय बैठक में बोलते समय तालिबान और पाकिस्तान को लक्ष्य किया। अफ़गानिस्तान में धार्मिक युद्ध या गृहयुद्ध नहीं है बल्कि, अफ़गानिस्तान में आतंकियों के नेटवर्क का युद्ध खेला जा रहा है, ऐसा आरोप राष्ट्राध्यक्ष गनी ने लगाया। साथ ही भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे ‘जैश’ और ‘लश्‍कर’ जैसे आतंकी संगठन तालिबान के पक्ष में अफ़गान सेना से लड़ रहे हैं, इस ओर भी राष्ट्राध्यक्ष गनी ने ध्यान आकर्षित किया। साथ ही ‘दाईश’ यानी ‘आयएस’ यह अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन भी तालिबान को सहायता प्रदान कर रही है, यह कहकर यह आतंकी संगठन तालिबान की सहायता करने के लिए आगे आने से अफ़गानिस्तान की समस्या अब सिर्फ अफ़गानिस्तान तक सीमित नहीं रही बल्कि, यह समस्या अब अंतरराष्ट्रीय बनी है, ऐसा गंभीर इशारा राष्ट्राध्यक्ष गनी ने दिया।

तालिबान और उससे जुड़े आतंकी संगठन कार बम का विस्फोट, आत्मघाती हमले, हत्याकांड़ करने के अलावा महिलाओं पर सख्त प्रतिबंध लगाकर मानव अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं, इस बात की याद भी राष्ट्राध्यक्ष गनी ने करायी। ‘तालिबान की छवि चमकाने के लिए पाकिस्तान की कोशिशों का शिकार ना हों। तालिबान एक आतंकी संगठन था और आगे भी रहेगा और ऐसे संगठन पर भरोसा करने का मतलब नहीं है’, यह संदेश अफ़गानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष ने इसके ज़रिये दिया है।

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