बीजिंग – अफ़गानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी के कारण चीन का मनोबल बढ़ा है और इसके साथ ही चीन लगातार अमरीका और ताइवान को धमकाने लगा है। ऐसी स्थिति में ताइवान में अमरीका के ३० हज़ार सैनिक तैनात होने का दावा अमरीका के वरिष्ठ सिनेटर ने सोशल मीडिया पर किया था। इसका चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के मुखपत्र ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। अमरिकी सिनेटर के इस दावे में सच्चाई है तो यह युद्ध का ऐलान है और चीन इन अमरिकी सैनिकों का खात्मा करे और लष्करी सामर्थ्य के बल पर ताइवान का चीन में विलय करे, ऐसी सलाह चीन के मुखपत्र ने अपनी कम्युनिस्ट हुकूमत को दी है।
अमरिकी सिनेट की ‘गुप्तचर चुनाव समिती’ के वरिष्ठ सदस्य सिनेटर जॉन कॉर्निन ने तीन दिन पहले ही सोशल मीडिया पर अहम दावा किया था। अफ़गानिस्तान में अमरिकी सैनिकों की तैनाती पर बोलते समय कॉर्निन ने विश्वभर के प्रमुख देशों में मौजूद अमरिकी सैनिकों की तैनाती की जानकारी प्रदान की थी। दक्षिण कोरिया, जापान, जर्मनी, अफ्रीकी देशों के साथ ताइवान में भी अमरिकी सैनिकों की तैनाती होने का बयान कॉर्निन ने किया था। ताइवान में तैनात अमरिकी सैनिकों की संख्या ३० हज़ार होने का दावा कॉर्निन ने किया था। अफ़गानिस्तान से अमरिका के पीछे हटने के बाद चीन ने ताइवान को निवाला बनाने की धमकी दी और इसके बाद सिनेटर कॉर्निन यह जानकारी साझा करके चीन को इशारा देते दिख रहे हैं।
चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने इसका संज्ञान लेकर सीधे अमरीका को धमकाया है। सिनेटर कॉर्निन अमरिकी सिनेट की समिती के ज़िम्मेदार सदस्य और इससे पहले रिपब्लिकन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। इस वजह से उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध की हुई जानकारी की निश्चित ही कोई बुनियाद होगी, यह दावा चीनी मुखपत्र ने किया। इस वजह से ताइवान में सच में यदि ३० हज़ार अमरिकी सैनिकों की तैनाती होती है तो यह चीन विरोधी युद्ध का ऐलान होने का आरोप चीनी मुखपत्र ने किया। अमरीका को सबक सिखाने के लिए चीन तुरंत अलगाववाद विरोधी कानून लागू करके ताइवान में मौजूद अमरिकी सैनिकों को खत्म करे या उन्हें खदेड़कर लष्करी ताकत के जोर पर ताइवान का चीन में विलय करे, यह सुझाव चीनी मुखपत्र ने दिया है।
साथ ही ताइवान में इतनी बड़ी संख्या में सैनिक तैनात करके अमरीका ने ‘वन चायना पॉलिसी’ का उल्लंघन किया है, यह आरोप भी चीनी मुखपत्र ने लगाया। चीन के विश्लेषकों ने भी कॉर्निन ने जारी की हुई जानकारी चौंकानेवाली होने का बयान करके इससे अमरीका और चीन के बीच युद्ध भड़क सकता है, यह इशारा भी दिया है। चीन की इस धमकी पर अमरीका की प्रतिक्रिया अभी प्राप्त नहीं हुई हैं। सिनेटर कॉर्निन ने भी सोशल मीडिया से कुछ घंटे पहले यह जानकारी हटाई। लेकिन, कॉर्निन जैसे तजुर्बे वाले नेता ऐसी भूल नहीं कर सकते, ऐसा कहकर अमरीका एवं पश्चिमी विश्लेषक चीन को इशारा देने के लिए ही कॉर्निन ने यह जानकारी सार्वजनिक की है, ऐसा कह रहे हैं।
इसी बीच, अमरिकी सेना ने अफ़गानिस्तान से वापसी करने की वजह से चीन खुश हुआ है। अफ़गान जनता का साथ छोड़नेवाली अमरीका अगले दिनों में ताइवान को भी ऐसे ही छोड़कर जाएगा, ऐसा चीनी माध्यम धमका रहे हैं। इस पर ताइवान के प्रधानमंत्री सु सेंग-चैंग ने चीन को चेतावनी भी दी है। अगले दिनो में यदि हमारे देश पर हमला हुआ तो ताइवान अफ़गानिस्तान की तरह बिखर नहीं जाएगा, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री सेंग-चैंग ने चीन को इशारा दिया।
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