वॉशिंग्टन – ‘अमेरिका और यूरोपीय देश ईरान के साथ हुआ सन २०१५ का परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम की रफ्तार बढ़ाने के कारण दुनिया बहुत ही खतरनाक स्थान पर पहुंच चुकी है’, ऐसी चेतावनी सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिन्स फैझल बिन फरहान ने दी। कुछ घंटे पहले इस्रायल के विदेश मंत्री येर लॅपिड ने भी यह ऐलान किया था कि ईरान पर किसी भी पल कार्रवाई करने का इस्रायल को पूरा अधिकार है।
ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने अमरीका और युरोपीय देशों के साथ शुरू हुई चर्चा से मुँह फेरने का दावा किया जाता है। नवंबर महीने में इस चर्चा में हम सहभागी होंगे, ऐसा ईरान ने घोषित किया है। लेकिन पिछले कुछ दिनों में ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम के बारे में सार्वजनिक की जानकारी, अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय की चिंता का विषय बनी है।
इस पड़ाव तक आकर पश्चिमी देश ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर असफल साबित नहीं हो सकते, ऐसी प्रतिक्रिया युरोपीय महासंघ ने दी। सन २०१५ के परमाणु समझौते में ईरान को फिर से सहभागी करा लेना ही होगा, ऐसा महासंघ का कहना है। वहीं, ईरान के परमाणु कार्यक्रम के संदर्भ में इस्रायल भी आक्रामक हुआ है, यह बात दो दिन पहले हुए विदेश मंत्री लॅपिड के अमेरिका दौरे से स्पष्ट हुई।
अमरीका के विदेश मंत्री अँथनी ब्लिंकन के साथ हुई बैठक में लॅपिड ने, ईरान पर कार्रवाई के संकेत दिए थे। इस समय युएई के विदेश मंत्री भी उपस्थित थे। इसके कुछ ही घंटों में सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिन्स फैझल बिन फरहान ने भी अमरीका का दौरा करके ब्लिंकन से मुलाकात की। सऊदी के विदेश मंत्री ने ईरान के संदर्भ में आक्रामक भूमिका अपनाई।
अमरीका के बायडेन प्रशासन ने वियना में ईरान के साथ शुरू की चर्चाओं का ज़िक्र प्रिन्स फैझल ने किया। इन चर्चाओं के द्वारा पश्चिमी देश ईरान को सन २०१५ के परमाणु समझौते में नए सिरे से सहभागी करा लेने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ईरान अपनी परमाणु गतिविधियों से जागतिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहा है, ऐसी आलोचना प्रिन्स फैझल ने की। साथ ही, सऊदी ने ईरान के साथ चर्चा शुरू की होकर, उसमें से कुछ भी हाथ नहीं लगा है, ऐसा सऊदी के विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया।
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