किव/मास्को – रशिया ने पिछले वर्ष फ़रवरी में किए हमलों के कुछ महीनों बाद यूक्रेन ने जवाबी हमले शुरू किए थे। इन जवाबी हमलों के खिलाफ रशिया ने प्रतिशोध लेना शुरू किया है, ऐसा दावा यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने किया है। नए साल में रशियन सेना ने पूर्व यूक्रेन में तीव्र हमले शुरू किए हैं और सोलेदार शहर पर कब्ज़ा करने में भी रशिया को कामयाबी हासिल हुई है। इसके बाद पिछले दो दिनों में रशिन सेना ने बाखमत शहर के करीब दो इलाकों पर कब्ज़ा करने का दावा भी किया है। इस क्षेत्र में रशिया के हमलों का ज़िक्र करते हुए यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने रशिया प्रतिशोध ले रही है, यह दावा किया है।
पिछले हफ्ते में रशिया ने नाटो और पश्चिमी देशों के खिलाफ युद्ध शुरू किया है और यूक्रेन का संघर्ष अब नई उंचाई प्राप्त कर सकता है, ऐसी चेतावनी यूरोपियन महासंघ के वरिष्ठ अधिकारी स्टेफानो सैनिनो ने दी थी। पश्चिमी देश यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं और इसमें मिसाइल एवं टैंक्स का समावेश है। इसके खिलाफ रशिया ने अधिक आक्रामक भूमिका अपनाई है और हथियारों की नई आपूर्ति यानी नाटो खुलेआम युद्ध में उतरने के संकेत होने का इशारा रशियन नेता और अधिकारी दे रहे हैं। इस आपूर्ति की पृष्ठभूमि पर ही रशिया ने अपने यूक्रेन अभियान की रचना में बदलाव किए हैं और नई तैनाती एवं नए हथियारों से तीव्र हमले शुरू किए हैं।
नए साल में रशिया ने फिर से यूक्रेन के बड़े शहरों पर मिसाइल एवं ड्रोन हमले किए हैं। साथ ही दक्षिण यूक्रेन के खेर्सन एवं झैपोरिझा में आगे बढ़ रही यूक्रेनी सेना को रोकने में भी रशिया सफल हुई है। रशियन सेना की बढ़ती आक्रामकता के आगे यूक्रेनी फौज़ नाकाम हुई है और पिछले कुछ हफ्तों में यूक्रेन के किसी भी बड़े शहर या इलाके पर दुबारा कब्ज़ा करना मुमकिन नहीं हो पाया है। साथ ही रशियन सेना डोन्साब क्षेत्र के बाखमत शहर की सीमा पर पहुँची है और अगले सात दिनों में दो छोटे शहरों पर इसने कब्ज़ा करने की बात कही जा रही है।
रशिया के यह हमले नए बड़े हमले की तैयारी है, ऐसे दावे यूक्रेन कर रहा है। रशियन हमले को रोकने के लिए यूक्रेन ने अब लड़ाकू विमानों की मांग बढाना शुरू किया है। पश्चिमी देश ‘एफ-१६’ लड़ाकू विमान प्रदान करें, इसके लिए यूक्रेन दबाव डाल रहा है। पोलैण्ड और फ्रान्स से इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया आई है। लेकिन, अमरीका, ब्रिटेन और जर्मनी ने इसे विरोध किया है और यह मुद्दा पश्चिमी गुट में मतभेद अधिक बढा रहा है।
नाटो के सदस्य देश क्रोशिया के राष्ट्राध्यक्ष झोरान मिलानोविक ने यूक्रेन को प्रदान हो रहे टैंक्स के मुद्दे पर जोरदार आलोचना की है। टैंक्स की आपूर्ति के कारण युद्ध अधिक तीव्र होगा, ऐसी चेतावनी क्रोशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने दी। साथ ही क्रिमिया प्रांत दोबारा कभी भी यूक्रेन का हिस्सा नहीं बनेगा, ऐसा बयान भी क्रोशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने किया। मिलानोवविक के इस बयान पर यूक्रेन ने तीव्र नाराज़गी व्यक्त की है और इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे, ऐसा इशारा भी दिया है।
इसी बीच रशिया ने यूक्रेन पर ड्रोन हमलों का दायरा अधिक बढ़ाने के संकेत दिए हैं। ईरान के बाद चीन ने भी भारी मात्रा में ड्रोन खरीदे हैं और इसमें ‘स्वार्म ड्रोन्स’ का समावेश है। चीन के ‘मैविक २’ ड्रोन्स का इस्तेमाल गश्त के अलावा हमलों के लिए भी करने की योजना रशिया ने बनाई है, ऐसा दावा ब्रिटीश माध्यमों ने किया है।
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