मास्को – एक महीने पहले बायडेन प्रशासन ने ‘द ऑफिस ऑफ पैन्डेमिक प्रिपेडनेस् ॲण्ड रिस्पान्स पॉलिसी’ विभाग शुरू किया। कोरोना जैसी दूसरी महामारी फैलने से पहले ज़रूरी प्रतिबंधक उपाय करने के लिए हमारा यह विभाग सहायता करेगा, ऐसा दावा बायडेन प्रशासन ने किया था। लेकिन, इस विभाग के द्वारा अमरीका पूरे विश्व में नई महामारी फैलाने की साज़िश में लगी होने का आरोप रशिया ने लगाया है। विषाणुओं का अभ्यास करके इन्हें जैवं हथियार की तरह इस्तेमाल करने की तैयारी अमरिकी सेना कर रही है, यह दावा भी रशिया के रक्षा विभाग ने किया है।
जुलाई महीने में व्हाईट हाऊस ने ‘द ऑफिस ऑफ पैन्डेमिक प्रिपेडनेस् ॲण्ड रिस्पान्स पॉलिसी’ (ओपीपीआर) का ऐलान किया था। भविष्य में महामारी का मुकाबला करने के लिए ‘ओपीपीआर’ यानी ‘पैन्डेमिक ऑफिस’ शुरू करने का बयान व्हाईट हाऊस ने किया था। अमरिकी जनता के स्वास्थ्य संबंधित संकट और इसका वैज्ञानिक अनुसंधान एवं इलाज़ करने की ज़िम्मेदारी ‘ओपीपीआर’ की होगी, यह दावा व्हाईट हाऊस ने किया था। यानी जैविक खतरों के विरोध में ही यह उपक्रम करेगा, ऐसा व्हाईट हाऊस ने कहा था।
यह दफ्तर कोरोना, मंकीपॉक्स एवं अन्य खतरनाक महामारी खत्म करने के लिए ज़रूरी तैयारी रखेगा। अमरीका की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित होने वाले जैविंक एवं संबंधित खतरों के विरोध में कारवाई करना, तैयारी रखना एवं संबंधित यंत्रणाओं के बीच समन्वय बनाए रखने का काम इस दफ्तर का होगा, ऐसा दावा भी किया जा रहा हैं। लेकिन, अमरीका का यह ‘ओपीपीआर’ यानी पैन्डेमिक ऑफिस जैविक हमलों को रोकने के लिए नहीं, बल्कि नई महामारी फैलाने के लिए बना होने का आरोप रशिया के ‘न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल ॲण्ड केमिकल डिफेन्स फोर्सेस’ के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल इगोर किरिलोव ने लगाया।
एन्थ्रेक्स, टुलारेमिया और कोरोना वायरस के अन्य विषाणुओं को अमरीका के ‘सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ॲण्ड प्रिवेन्शन’ विभाग ने सबसे खतरनाक विषाणु करार दिया है। पेंटॅगॉन इसे ‘बायोटेररिझम एजंटस्’ के तौर पर इस्तेमाल कर सकता हैं। इसमें शीतज्वर, अफ्रीकी ज्वर फैलाने वाले कुछ विषाणुओं पर भी अमरीका काम कर रही हैं, ऐसा बयान किरिलोव ने किया है।
‘पैन्डेमिक ऑफिस की सहायता से पुरी दुनिया में महामारी फैला कर नियंत्रण पाने की तैयारी अमरीका ने रखी है। आगे के दौर में विश्व में फैलने वाली बड़ी महामारी के लिए अमरीका का यही विभाग ज़िम्मेदार होगा’, ऐसा आरोप किरिलिव ने लगाया है। अमरीका की दवां और टीका बनाने वाली कंपनियों को इससे लाभ प्राप्त होगा, ऐसा दावा भी लेफ्टनंट जनरल किरिलोव ने किया है। इस वजह से महामारी को रोकने के लिए हमने य पैन्डेमिक ऑफिस शुरू किया है, ऐसी आलोचना किरिलोव ने की है।
इसी बीच, यूक्रेन युद्ध में रुचि दिखा रही अमरीका ने यूक्रेन में जैवं लैब शुरू किए थे, यह आरोप किरिलोव ने पहले ही लगाया था। रशिया की सीमा के करीब शुरू किए गए इन लैब में विषाणुओं का अवैध अनुसंधान हो रहा था, ऐसा आरोप किरिलोव ने लगाया था। अमरिकी विदेश विभाग ने भी इसकी कबुली दी थी।
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