मनिला, दि. 2 (वृत्तसंस्था) – चीन की विस्तारवादी गतिविधियों का दबाव ठुकराकर आक्रामक भूमिका अपना रहे फिलिपीन्स ने ‘साउथ चाइना सी’ क्षेत्र में चीन को फिर से चुनौती दी है। फिलिपीन्स के समुद्री क्षेत्र में अमरीका के साथ आठ देशों के व्यापक और बहुउद्देशीय नौसैनिक युद्धाभ्यास की सोमवार को शुरूआत हुई। साउत चाइना सी के करीब आयोजित इस युद्धाभ्यास को लेकर बड़ी तीव्र नाराज़गी जताई थी। अमरीका ने साउथ चाइना सी क्षेत्र में फिलिपीन्स के साथ व्यापक युद्धाभ्यास करने का पिछले तीन महीनों में यह दूसरा अवसर हैं।
पिछले दो महीनों से फिलिपीन्स और चीन के बीच साउथ चाइना सी की गतिविधियों को लेकर बड़ा तनाव निर्माण हुआ है। अगस्त महीने में चीन ने फिलिपीन्स के जहाज़ को सहायता मुहैया करने से रोका था। चीन के तटरक्षक बल के जहाज ने फिलिपीन्स के जहाज पर ‘वॉटर कैनन’ से हमला करने के फोटो सामने आए थे। इसके बाद फिलिपीन्स ने चीन का दबाव ठुकराकर दो बार सहायता पहुंचाने वाले जहाज रवाना किए थे। इसके अलावा पिछले महीने फिलिपिनी जहाजों को रोकने वाले फ्लोटिंग बायोज भी फिलिपिनी तटरक्षक बल ने हटाए थे।
फिलिपीन्स के इस आक्रामक प्रत्युत्तर की वजह से चीन काफी आगबबुला हुआ हैं। चीन लगातार फिलिपिनी नेतृत्व को धमका रहा हैं और समुद्री क्षेत्र में घुसपैठ करके उकसाने की कोशिश कर रहा हैं। लेकिन, चीन की इन हरकतों का दबाव ठुकराकर फिलिपिन्स अधिक पुख्ता और तीव्र भूमिका अपनाता दिख रहा हैं। अमरीका के साथ अन्य देशों से साथ फिलिपीन्स ने नौसैनिक युद्धाभ्यास करना उसीका हिस्सा बनता है।
झॉन प्रांत के दक्षिणी ओर ‘समासमा 2023’ नामक नौसैनिक युद्धाभ्यास की सोमवार को शुरूआत हुई है। इसमें फिलिपीन्स और अमरीका के साथ कुल 9 देशों की नौसेना शामिल हुई हैं। लगभग 2 हजार नौसैनिक और अधिकारी इस युद्धाभ्यास का हिस्सा होने की जानकारी फिलिपीन्स की नौसेना ने प्रदान की। 13 अक्टूबर तक होने वाले इस युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया, जापान, इंडोनेशिया, न्यूझीलैण्ड, ब्रिटेन, फ्रान्स, कनाड़ा यह देश भी शामिल हुए हैं। इस युद्धाभ्यास में ‘एण्टी सबमरीन’ और ‘इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर’ पर जोर दिया जाएगा, ऐसा फिलिपिनी नौसेना के अधिकारी ने कहा है।
लगभग 2 हफ्ते होने वाला यह युद्धाभ्यास यानी ‘साउथ चाइना सी’ पर दावा ठोक रहे चीन के लिए चेतावनी होने का दावा किया जा रहा है। इससे पहले अगस्त महीने में भ ‘साउथ चाइना सी’ क्षेत्र में अमरीका, फिपिलीन्स, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने नौसैनिक युद्धाभ्यास का आयोजन किया था। वहीं, जुलाई महीने में इंडोनेशिया और अमरीका की पहल से बहुउद्देशीय युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया था।
फिलिपीन्स में सत्ता परिवर्तन होने के बाद इस देश के नेतृत्व ने ‘साउथ चाइना सी’ को लेकर चीन विरोधी आक्रामक भूमिका अपनाई है। वर्ष 2016 में अंतरराष्ट्रीय अदालत ने किए निर्णय का चीन सम्मान करें और फिलिपीन्स के समुद्री सीमा से पीछे हटे, ऐसी मांग फिलिपीन्स के राष्ट्राध्यक्ष मार्कोस ज्युनिअर ने उठायी थी। साउथ चाइना सी में चीन की आक्रामकता के विरोध में मित्र देशों का समर्थन पाने के लिए फिलिपीन्स के राष्ट्राध्यक्ष ने अमरीका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है।
चीन के पड़ोसी आग्नेय एशियाई देशों को अमरीका का समर्थन प्राप्त हैं। इस वजह से बेचैन हुए चीन ने अमरीका के खिलाफ आग उगलना शुरू किया है। अमरीका आसियान देशों की सहायता से चीन विरोधी गुट खड़ा कर रही हैं, ऐसा आरोप चीन ने लगाया था।
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