गाजा पट्टी के अस्पताल पर हुए हमले का खाड़ी देशों के साथ यूरोप और अमेरिका में देखा गया तीव्र असर – गुस्सा हुए पैलेस्टिनी समर्थकों ने इस्रायली दूतावासों को किया लक्ष्य

गाजा पट्टी के अस्पताल पर हुए हमले का खाड़ी देशों के साथ यूरोप और अमेरिका में देखा गया तीव्र असर – गुस्सा हुए पैलेस्टिनी समर्थकों ने इस्रायली दूतावासों को किया लक्ष्य

अंकारा/बैरूत/अम्मान/ब्रुसेल्स, दि. १८ (वृत्तसंस्था) – गाजा में अस्पताल पर हुए रॉकेट हमले में लगभग ५०० लोगों के मारे जाने के बाद खाड़ी देशों से यूरोप और अमेरिका में भी इस्रायल विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए हैं। जॉर्डन, तुर्की में इस्रायली दूतावासों पर प्रदर्शनकारियों ने हमले करके आगजनी की है। इसी बीच लेबनान और तुर्की में भी अमेरिकी दूतावास पर पैलेस्टिनी समर्थकों ने हमले करने की खबरें प्राप्त हुई हैं। अमेरिका ने इन दोनों देशों में मौजूद अपने नागरिकों को शीघ्रता से लौट आने के आदेश दिए हैं। इसी बीच ब्रिटेन और इटली में सुरक्षा यंत्रणा ने कार्रवाई करके आईएस के आतंकवादियों को धरदबोचने की खबरें हैं। आगे के समय में यूरोपिय देशों में इस्रायल विरोधी प्रदर्शनों का नया विस्फोट होगा और एकल आतंकवादी भी हमले कर सकते हैं, ऐसी चेतावनी दी जा रही है।

इस्रायल ने गाजा पट्टी में हमास के आतंकवादियों के विरोध में शुरू की हुई सैन्य कार्रवाई के बाद विश्व भर में पैलेस्टिनी समर्थकों ने प्रदर्शन शुरू किए थे। यूरोपिय देशों में इन प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई भी की गई थी। लेकिन, मंगलवार के दिन गाजा के अस्पताल पर रॉकेट हमला होने के बाद इस्रायल विरोधी प्रदर्शन तीव्र हुए। जॉर्डन, लेबनान और तुर्की इन अरब देशों में इस्रायल और अमेरिका विरोधी प्रदर्शन हिंसक हुए हैं। इस्रायल के पड़ोसी जॉर्डन में गुस्से में आकर भीड़ ने इस्रायली दूतावास के इलाके में आगजनी की और वहां घुसपैठ करने की कोशिश की।

तुर्की में भी इस्रायली और अमेरिकी दूतावास के मुख्य द्वार को आग लगाई गई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने इस्रायल के विनाश के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों एक एक गुट ने तुर्की में अमेरिकी ‘कुरेसिक राड़ार’ अड्डे पर हमला करने की तैयारी की थी। इसके बाद इस्रायल और अमेरिका ने तुर्की में मौजूद अपने नागरिकों को शीघ्रता से लौट आने की सूचना की। इस्रायल ने सावधानी के तौर पर ईरान के पड़ोसी यूएई और अज़रबैजान में स्थित अपने नागरिकों को लौट आने को कहा है। इस्रायल के उत्तरी ओर स्थित लेबनान में अमेरिकी दूतावास और संयुक्त राष्ट्र संघ के शांति सैनिकों के कार्यालय पर भी पैलेस्टिनी समर्थकों ने हमला किया। इससे दोनों इमारतों का नुकसान होने का दावा किया जा रहा हैं।

इस्रायल विरोधी प्रदर्शन सीर्फ अरब देशों तक सीमित नहीं रहे हैं, बल्कि अमेरिका और यूरोप में भी यह प्रदर्शन हो रहे हैं। अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में इस्रायल और पैलेस्टिनी समर्थकों की मुठभेड़ होने की खबरें सामने आ रही हैं। इटली में एक आतंकवादी ने हाथ में तेज हथियार लेकर यहुदियों के प्रार्थना स्थान में घुसपैठ करने की कोशिश की थी। ब्रिटेन में यहुदियों के ठिकानों को लक्ष्य करने के लिए तैयार ‘आईएस’ के आतंकवादी को सही समय में गिरफ्तार किया गया। उससे पहले फ्रान्स और जर्मनी में भी ‘लोन वुल्फ’ यानी एकल आतंकवादियों के हमले करने की कोशिश नाकाम करने की खबरें प्राप्त हुई हैं। पिछले चार दिनों में यूरोप के प्रमुख देशों में हुई घटनाओं के कारण यूरोपिय देशों में अलर्ट जारी किया गया हैं।

इसी बीच, इस्रायल के साथ अब्राहम समझौते में शामिल यूएई ने गाजा की घटना पर तीव्र चिंता जताई। गाजा में अस्पताल पर हुए हमलों की जांच करके दोषियों पर सख्त कार्रवाई करना आवश्यक होने की मांग यूएई और सौदी अरब ने उठाई है। रशिया और यूएई ने संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा समिती के सामने इस संघर्ष की पृष्ठभूमि पर बैठक करने का आवाहन किया है।

 

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