आप्रवासियों का मसला यूरोप समेत ब्र्रिटेन के लिए भी अधिक से अधिक गंभीर होता जा रहा है। ब्रिटेन के कुछ हिस्सों में इन आप्रवासियों के गूट स्थानिय लोगों पर हमले कर रहे हैं और चोरी, हत्या और अत्याचारों के अपराधिक मामलों में इनकी संख्या काफी बड़ी होने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। इन आप्रवासियों द्वारा बेटियां और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार बढ़ने की सच्चाई भी सर्वे से सामने आयी है। इन आप्रवासियों पर कार्रवाई न करें, इसके लिए मानव अधिकार संगठन अपने नियम थोप रही हैं। उन्हें राजनीतिक समर्थन भी प्राप्त हो रहा हैं।
इसी बीच इन आप्रवासियों के झुंड़ रोकने के लिए शासक पार्टी के साल ब्रिटेन के कुछ गुट साथ आ रहे हैं। दो दिन पहले ब्रिटेन के मैन्चेस्टर शहर में आप्रवासियों के मुद्दे पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। ब्रिटेन की गृह मंत्री और प्रधानमंत्री पद की चुनावी उम्मीदवार बतायी जा रही ब्रेवरमन ने यह इशारा दिया है कि, आप्रवासियों का तूफान जल्द ही ब्रिटेन के तट से टकराएगा। इस बेकाबू तूफान को रोकना कठिन होगा, ऐसी चेतावनी भी ब्रेवरमन ने दी है।
इसके लिए ब्रेवरमन ने अपना ही उदाहरण बयान किया। २० वीं सदी में ब्रेवरमन के पालक केनिया और मॉरीशस से ब्रिटेन पहुंचे थे। लेकिन, तब की स्थिति पुरी तरह से अलग थी। उस समय नौकरी की तलाश में स्थानांतरण होता था। लेकिन, वर्तमान में शुरू स्थानांतरण ब्रिटेन की पहचान मिटाने वाला साबित होगा, ऐसा इशारा ब्रेवरमन ने दिया। साथ ही स्थानांतरित को स्वीकार ने के लिए पेश किया गया सांस्कृतिक विविधता का उदाहरण भी असफल होने का दावा ब्रेवरमन ने किया।
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