जेरूसलम: हमास ने लगातार दूसरे दिन इस्रायल पर २,५०० रॉकेटस् से हमले किए। हमास के इन हमलों में अब तक ६०० इस्रायली नागरिक मारे गए हैं और इनमें ४४ सैनिक होने की जानकारी इस्रायली यंत्रणा ने प्रदान की। साथ ही हमास के आतंकियों ने अगवा किए इस्रायली नागरिकों की संख्या १०० से अधिक होने का बयान भी इस्रायली यंत्रणा ने किया है। इसी बीच इस्रायल ने गाजा पर किए हमलों में ४०० लोग मारे गए हैं और हमास के कुछ आतंकियों को हिरासत में लेने की जानकारी इस्रायल ने साझा की है। इस्रायली सेना गाजा की सीमा पर हमास से घनघोर संघर्ष कर रही हैं और तभी उत्तरी ओर की लेबनान सीमा से ईरान समर्थक आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह ने इस्रायल पर रॉकेट हमले करके धावा बोला है। इस्रायल को एक ही समय पर कई मोर्चों पर यह युद्ध लड़ना होगा, यही बात लेबनान की सीमा से शुरू हुए हमलों से स्पष्ट हुई है।
शनिवार को इस्रायल पर हजारों रॉकेटस् दागने के बाद हमास के आतंकियों ने इस्रायल की सीमा में प्रवेश किया था। इन आतंकवादियों के साथ इस्रायली सैनिकों का रविवार के दिन भी संघर्ष हुआ। साथ ही रविवार को इस्रायल ने गाजा में हमास के ठिकानों पर नए हवाई हमले किए। इन हमलों में गाजा में कई इमारतें ढ़ह गई हैं। आगे के समय में इस्रायल इससे भी अधिक तीव्र हमले करेगा, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इस्रायल के हमलों में हमास के अब तक ४०० आतंकवादी मारे गए हैं, ऐसी जानकारी इस्रायली अधिकारी ने प्रदान की। इसी बीच हमास ने अपहरण किए हुए १०० इस्रायली नागरिकों को छुड़ाने के लिए इस्रायल की सरकार ने इजिप्ट से संपर्क बनाकर बातचीत शुरू करने के दावे प्रसिद्ध हुए हैं। लेकिन, इस्रायल ने यह दावे ठुकराए हैं।
लेबनान की सीमा से हिजबुल्लाह ने इस्रायल पर रॉकेट हमले करना शुरू किया है। इसके बाद इस्रायल ने लेबनान की सीमा के करीबी रिहायशी इलाके से अपने नागरिकों को हटाने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। पिछले कुछ महीनों से हमास, हिजबुल्लाह और अन्य इस्रायल विरोधी संगठन एक ही समय पर इस्रायल पर हजारो रॉकेटस् की बौछार करके इस देश को तंग करेंगे, ऐसी धमकियां दी जा रही थी। हमास और हिजबुल्लाह ने इन हमलों के लिए हजारों रॉकेटस् का भंड़ार बनाया होने के दावे भी किए जा रहे थे। इस्रायली रक्षाबल के पूर्व अधिकारियों ने भी इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी। रविवार को हिजबुल्लाह ने लेबनान की सीमा से किए हमले की वजह से यह खतरा वास्तव में सच साबित होता दिख रहा है।
इस्रायल पर हमास ने किए इस हमले को ईरान ने समर्थन घोषित किया था। रविवार के दिन ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने हमास के नेताओं से चर्चा करके हमास के लिए फिर से अपना समर्थन दर्शाया है। वहीं, इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषी सुनाक, जर्मनी के चान्सलर शोल्झ, इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी और यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष झेनेन्स्की से फोन पर चर्चा की। इन नेताओं ने हमास ने इस्रायल पर किए हमले का निषेध किया हैं और हमरा समर्थन इस्रायल को होगा, यह ऐलान भी किया है। इसी बीच सदी अरब और खाड़ी के अन्य देशों ने यह संघर्ष शीघ्रता से रोकने का आवाहन किया है।
आगे के दिनों में इससे भी तीव्र संघर्ष छिड़ेगा, इस्रायल हमास एवं हमारे खिलाफ साज़िश करने वालों को नष्ट करने वाले हमले करने की कोशिश करेगा, ऐसा खाड़ी के विश्लेषक कह रहे हैं। हमास ने इस्रायल पर हमले करके सैकड़ों इस्रायली नागरिकों को ढ़ेर किया और इस्रायल का द्वेष करने वालों को जल्लोष करने का अवसर दिया है। लेकिन, इसके घातक परिणाम पैलेस्टिनियों को भुगतने होंगे। इस्रायल ने रविवार को गाजा पट्टी में ४२६ ठिकानों पर हमले किए थे। लेकिन, इसके आगे हमास को पुरी तरह से खत्म करने के लिए इस्रायल सीधे गाजा पट्टी पर कब्ज़ा करने की कड़ी संभावना है।
इस्रायल को लंबे समय तक कठिन युद्ध लड़ना होगा, ऐसा संदेश प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने अपने देश बांधवों को दिया था। इस वजह से वर्णित युद्ध में पीछे हटने की एवं समझौता करने की संभावना इस्रायल के प्रधानमंत्री खत्म करते दिख रहे हैं। हमास ने भी इन हमलों को अंजाम देते हुए इस्रायल के तीखे जवाबी हमलों का पहले से विचार किया होगा, इसका अहसास विश्व भर के विश्लेषक दे रहे हैं। इस वजह से वर्णित युद्ध की तीव्रता आगे के दिनों में कम नहीं होगी, इसके बजाय इस युद्ध का विस्फोट इस पूरे क्षेत्र को चपेट में लिए बिना नहीं रहेगा, ऐसा अनुमान निरीक्षक व्यक्त कर रहे हैं।
इस्रायली महिला और बच्चों पर हमास ने अत्याचार करने के दिल दहलाने वाले वीडियोज् सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। इसका दाखिला देकर इन आतंकवादियों ने पूरे विश्व के विरोध में शुरू की हुई यह जंग होने के दावे जनतांत्रिक देशों की जनता कर रही हैं। इस ओर सिर्फ इस्रायल और हमास के युद्ध के तौर पर नहीं देख सकते। बल्कि, आतंकवादियों ने मानवता के विरोध में शुरू किए युद्ध के तौर पर इसे देखें, ऐसा आवाहन कुछ विश्लेषकों ने किया है।
English