जेरूसलम – गाजा के अल-शिफा अस्पताल से हथियार बरामद होने का दावा इस्रायल ने किया है। साथ ही इस अस्पताल से प्राप्त लैपटॉप में हमास ने अगवा किए इस्रायली नागरिकों की जानकारी प्राप्त होने का दावा भी इस्रायली सुरक्षाबलों ने किया है। साथ ही इस्रायल ने उत्तर गाजा में सैन्य कार्रवाई का दायरा बढ़ाई है और दक्षिण गाजा में कुछ लोगों को घर खाली करने की सूचना थमाने की बात भी सामने आयी है। इसी बीच, ‘इंडिया मिडल ईस्ट यूरोप कॉरिडोर’ (आईएमईसी) को रोकने के लिए ही ईरान ने हमास के ज़रिये इस्रायल पर आतंकवादी हमला करवाने का आरोप इस्रायल के राष्ट्राध्यक्ष ने लगाया है।
अल-शिफा अस्पताल पर इस्रायल की शुरू कार्रवाई का कुछ देशों ने निषेध किया था। लेकिन, इस अस्पताल पर कब्ज़ा पाने के बाद वहां बरामद हुए हथियारों की जानकारी साझा करके यह हथियार अस्पताल में कि वजह से रखे गए थे, यह सवाल इस्रायल ने उठाया है। साथ ही यहां बरामद हुए लैपटॉप में हमास ने अगवा किए इस्रायली नागरिकों की जानकारी पाने की जानकारी इस्रायली सुरक्षाबलों ने साझा की है। इस वजह से आगे के समय में भी इस अस्पताल पर कार्रवाई जारी रहेगी, ऐसा इस्रायल ने स्पष्ट किया। इसके लिए इस्रायली टैंक और बख्तरबंद वाहनों ने अल-शिफा अस्पताल और करीबी क्षेत्र का घेराव किया दिख रहा है।
पैलेस्टिनी जनता गाजा के उत्तरी इलाके से बाहर निकलकर दक्षिणी गाजा में आश्रय पाए, ऐसी सूचना इस्रायल ने की थी। लेकिन, अब दक्षिण गाजा के कुछ हिस्सों में इस्रायली सेना ने स्थानिय लोगों को घर छोड़कर जाने को का है। हमास के आतंकवादी वहां छुपे होने से इस्रायली सेना यह सूचना देती दिख रही है। इस्रायली सेना ने हमास के केंद्र रहे गाजा सिटी के अधिकांश क्षेत्र पर कब्ज़ा पाने के बाद हमास के आतंकादी जनता में छुपकर दक्षिणी गाजा की ओर भागते देखे जा रहे हैं। इन आतंकवादियों पर हमले करने की तैयारी इस्रायली सेना ने रखी दिख रही है।
७ अक्टूबर से अबतक इस्रायली वायु सेना केहमले में हमास के हजारों आतंकवादी ढ़ेर होने का दावा इस्रायली वायुसेना के प्रमुख ने किया है। गाजा में छुपे बैठे हमास के हजारों आतंकवादियों को खत्म करने के लिए हमारी वायुसेना ने जमकर हमले किए थे। इन आतंकवादियों का खात्मा होने तक इस्रायल की वायु सेना लगातार हमले करती रहेगी, यह दावा वायुसेनाप्रमुख ने किया है। हमास का प्रमुख इस्माईल हनिया के गाजा स्थित घर पर भी हवाई हमला करने की जानकारी इस्रायली माध्यमों ने प्रदान की है।
इसी बीच, ७ अक्टूबर के दिन हमास ने इस्रायल पर किए भीषण आतंकवादी हमले के पीछे ईरान की साज़िश होने का आरोप इस्रायल के राष्ट्राध्यक्ष आयसैक हर्झोग ने लगाया है। भारत को सौदी अरब, यूएई के ज़रिये इस्रायल एवं यूरोप से जोड़ने वाले अत्यंत महत्वाकांक्षी व्यापारी यातायात के ‘आयएमईसी’ प्रकल्प का निर्माण रोकने के लिए शैतानी ईरान ने हमास के ज़रिये यह हमला किया है, ऐसा आरोप इस्रायल के राष्ट्राध्यक्ष ने लगाया है। एक दिन पहले भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने यह बयान किया था कि, इस्रायल-हमास युद्ध के कारण ‘आयएमईसी’ के सामने चुनौती खड़ी होती दिख रही है।
‘आयएमईसी’ प्रकल्प का ईरान और तुर्की ने जमकर विरोध किया था। इस प्रखल्प की वजह से चीन भी काफी बेचैन होने के दावे किए जा रहे थे। यह प्रकल्प हमारे ‘बेल्ट ॲण्ड रोड इनशिएटिव’ (बीआरआई) प्रकल्प को चुनौती देने वाले होने की चिंता चीन को सता रही थी। इस वजह से इस्रायल-हमास युद्ध शुरू होने से ‘आयएमईसी’ प्रकल्प यदि प्रभावित होता हैं तो इससे लाभ प्राप्त करने वालों में चीन को भी शामिल करना होगा, ऐसा सूचक बयान भारत के कुछ पूर्व सेना अधिकारियों ने किया था। हमास ने ७ अक्टूबर के दिन इस्रायल पर किए आतंकवादी हमले के पीछे ईरान के साथ चीन का भी हाथ होने का आरोप तीव्र होने लगा हैं। इस्रायल के हमले से बचाव करने के लिए टनेल का नेटवर्क खड़ा करने में चीन ने ही हमास को सहायता प्रदान की है, यह आरोप भी अब जोर पकड़ने लगा है।
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