ब्युनॉस आयर्स – लैटिन अमेरिका के प्रमुख देशों में से एक अर्जेंटीना में सत्ता परिवर्तन हुआ है। स्थापित व्यवस्था के विरोधी दक्षिणी विचारधारा के आर्थिक विशेषज्ञ कहे जा रहे जेवियर मिलेय अर्जेंटीना के नए राष्ट्राध्यक्ष चुने गए हैं। मिलेय ने अपना यह चयन देश के इतिहास में नई सियासी युग की शुरुआत होने का दावा किया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने मिलेय का अभिनंदन किया है और ‘मेक अर्जेंटिना ग्रेट अगेन’ यह संदेश देते हुए ध्यान खींचा है।
रविवार १९ नवंबर को अर्जेंटिना में राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव का आखरी चरण का मतदान हुआ। इसमें ‘लिबर्टी एडवान्सेस’ गठबंधन के उम्मीदवार जेवियर मिलेय ने शासक ‘द रिन्युअल फ्रंट’ पार्टी के उम्मीदवार सर्जिओ मासा को पराजित किया। मिलेय को ५५ प्रतिशत से अधिक वोट मिलने की जानकारी सरकारी यंत्रणा ने साझा की है। मिलेय की यह बड़ी जीत अर्जेंटिना के साथ लैटिन अमेरिका में स्थापित सियासी दायरे के लिए बड़ा झटका है।
अर्थशास्त्र के प्राध्यापक, आर्थिक विशेषज्ञ, आर्थिक सलाहकार, लेखक और रेडियो सूत्रधार जैसी विभिन्न जिम्मेदारी निभाने का तजुर्बा रखने वाले मिलेय ने २०२१ में पहली बार चुनाव लड़ा था। उस समय वह राजधानी ब्युनॉस आयर्स के प्रतिनिधी चुने गए थे। अर्जेंटीना की स्थापित राजनीतिक दायरा और आर्थिक नीति पर मिलेय ने कड़ी आलोचना की थी। अमेरिकी डॉलर अर्जेंटीना की मुद्रा के तौर पर स्वीकारने की कल्पना पेश करने वाले मिलेय ने देश की सेंट्रल बैंक को समाप्त करने की योजना भी पेश की है।
अर्जेंटीना की सियासी व्यवस्था के विरोध में आवाज़ उठा रहे मिलेय ने पिछले साल पिछले कुछ सालों में बड़ी लोकप्रियता हासिल की थी। राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव में प्राप्त वोटों ने इसकी पुष्टि होती दिख रही है।अर्जेंटीना लैटिन अमेरिका के सबसे बड़े अर्थव्यवस्थाओं में से एक कहा जाता है। लेकिन, हाल ही के कुछ सालों में अर्जेंटिना की आर्थिक स्थिति तेज़ी से गिर रही हैं। कर्ज का भारी बोजा, महंगाई के उछाल और विदेशी मुद्रा की किल्लत के कारण अर्जेंटीना में मंदी जैसी स्थिति बनी हैं। अर्जेंटिना महंगाई का दर फिलहाल १४० प्रतिशत तक पहुंचा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और अन्य वित्तीय संस्थाओं से प्राप्त हो रहे आर्थिक सहायता पर अर्जेंटिना की अर्थव्यवस्था का भविष्य निर्भर होने की बात कही जा रही है।
मिलेय ने अपने प्रचार के दौरान सरकारी खर्च में भारी कटौती और नीजिकरण का पुरस्कार किया है। उनकी यह नीति अर्जेंटीना की अर्थव्यवस्था को अधिक बड़े संकट की ओर धकेल सकती हैं, ऐसा दावा कुछ विश्लेषकों ने किया है।
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