लंदन/बर्लिन – इस्रायल-हमास युद्ध की पृष्ठभूमि पर यूरोपिय देशों में आतंकवादी हमले होने का खतरा बढ़ा हैं, ऐसी चेतावनी शीर्ष गुप्तचर और पुलिस अधिकारियों ने दी है। गाजा में शुरू संघर्ष के कारण आतंकवादी संगठनों को नए सदस्यों की भरती करने के लिए बड़े अवसर उपलब्ध होने की ओर इन अधिकारियों ने ध्यान आकर्षित किया है। इस्रायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद कुछ ही दिनों में फ्रान्स और बेल्जियम में आतंकवादी हमले हुए थे, इसकी याद भी इन अधिकारियों ने ताज़ा की है। कुछ दिन पहले ही अमेरिकी जांच एजेन्सी ‘एफबीआई’ के प्रमुख ख्रिस्तोफर रे ने भी यह इशारा दिया था कि, विश्व में मौजूद आतंकवादी और चरमपंथी गुट अमेरिका में आतंकी हमले कर सकते हैं।
हमास ने इस्रायल पर आतंकवादी हमला करने के बाद विश्वभर में पैलेस्टिन समर्थक गुट सड़कों पर उतरे हैं और हमास की गतिविधियों का समर्थन करते सामने आए हैं। इस्रायल ने हमास के विरोध में शुरू किए युद्ध के बाद पैलेस्टिनी समर्थक अधिक आक्रामक हुए हैं और इस्रायल को समर्थन देने वालों को लक्ष्य कर रहे हैं। ज्यूधर्मियों के साथ इस्रायल का समर्थन करने वालों को धमकाया जा रहा हैं और हमले और अन्य तरह की हिंसक घटनाओं की तादात बढ़ी है।
अक्टूबर महीने में बेल्जियम में दो स्वीडिश नागरिकों पर आतंकी हमला हुआ था। इस बीच फ्रान्स के अरास शहर में माध्यमिक स्कूल की महिला शिक्षिका की चाकू मारकर हत्या की गई थी। इसके बाद ज्यूधर्मियों के कई स्कूल एवं उद्योगों को बम से ध्वस्त करने की धमकियां भी दी गई थी। ज्यूधर्मियों के प्रार्थना स्थल एवं दफनभूमि को भी लक्ष्य किया गया। इस पृष्ठभूमि पर यूरोपिय गुप्तचर और सुरक्षा यंत्रणा सतर्क हुई हैं और आतंकी हमलों का खतरा बढ़ने का इशारा भी उन्होंने दिया है।
एक अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था ने जारी की हुई खबर के अनुसार ब्रिटेन के साथ फ्रान्स, जर्मनी, इटली जैसे प्रमुख देशों की गुप्तचर और पुलिस यंत्रणा ने आतंकी हमलों का खतरा बढ़ने के इशारें दिए हैं।
गाजा के युद्ध की वजह से आतंकी गुटों को भरती करने के लिए बड़ा अवसर प्राप्त हुआ है और इससे हमलों की चुनौती अधिक व्यापक हुई हैं, ऐसी चेतावनी भी इन अधिकारियों ने दी। क्या हमला होगा, यह सवाल नहीं हैं बल्कि यह हमला कब होगा, यही अहम मुद्दा है, ऐसा जर्मन अधिकारी ने कहा है।
अब होने वाला नया हमला इससे पहले यूरोप में हमले करने वाले अलकायदा और ‘आयएस’ से भी अधिक खतरनाक होगा, इस पर भी इन अधिकारियों ने ध्यान आकर्षित किया। यूरोपिय देशों में ‘लोन वुल्फ’ प्रकार के हमलों की संभावना सबसे अधिक होने की बात यूरोपिय गुप्तचर अधिकारियों ने रेखांकित की है। इन ‘लोन वुल्फ’ हमलों के लिए चाकू या वाहन को ज़रिया बनाया जा सकता हैं, ऐसा दावा इन अधिकारियों ने किया है। इन हमलों को रोकने के लिए गश्त एवं अन्य विकल्प अपनाए जा रहे हैं, फिर भी इससे खतरे को पुरी तरह से टाला नहीं जा सकता, ऐसी चिंता भी इस दौरान जताई गई है।
हमास का पूर्व प्रमुख खालिद मेशाल ने इस्रायल विरोधी संघर्ष का दायरा बढ़ाने के लिए विश्व के अरब-इस्लामिक देश एवं पैलेस्टिन समर्थकों को उकसाया था। इसके बाद खाड़ी की कुछ आतंकी संगठनों ने हमास को समर्थन घोषित करके इस्रायल और इसका समर्थन कर रहे देशों के हितसंबंधों पर हमले करने की धमकी भी दी थी।
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