जेरूसलम – गाजा का हमास विरोधी युद्ध खत्म होने के बाद भी इस्रायल पैलेस्टिन के निर्माण को मंजूरी नहीं देगा। इस मुद्दे पर अमेरिका की शुरू कोशिशों का इस्रायल विरोध करेगा, ऐसी सख्त चेतावनी इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने दी है। कुछ घंटे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने पैलेस्टिन के निर्माण का मसला खत्म हुए बिना इस्रायल पुरी तरह से सुरक्षित नहीं होगा, ऐसा दावा किया था।
इस्रायल गाजा युद्ध खत्म करें, इसके लिए अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन इस्रायल पर दबाव बना रहे हैं, ऐसी खबरें भी सामने आ रही है। गाजा पट्टी में शुरू सैन्य कार्रवाई के मुद्दे पर इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू अमेरिका की मांगों को प्राथमिकता देने के लिए तैयार नहीं हैं। इस वजह से बायडेन प्रशासन का संयम खत्म हो रहा हैं। पिछले तीन हफ्तों से अधिक समय से अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन और इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू की चर्चा नहीं हुई है, ऐसा दावा अमेरिका की प्रसिद्ध वृत्तसंस्था ने हाल ही में किया था।
इसके बाद अब पैलेस्टिन के मुद्दे पर भी इस्रायल और अमेरिका के बीच जारी मतभेद सामने आते दिख रहे हैं। ‘जो कोई नेत्यान्याहू के अगले दौर की बाते कर रहे हैं, वह पैलेस्टिनी ऑथॉरिटी की सहायता से पैलेस्टिन राष्ट्र के निर्माण के मुद्दे पर बोल रहे हैं। अधिकांश इस्रायली नागरिक पैलेस्टिनी राष्ट्र के निर्माण का विरोध कर रहे हैं और हम भी पैलेस्टिन के निर्माण का विरोध करते हैं’, इन शब्दों में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने यह इशारा दिया कि, किसी भी हालात में पैलेस्टिन का निर्माण नहीं होने देंगे।
पिछले कई दशकों से शुरू इस्रायल-पैलेस्टिन संघर्ष पैलेस्टिन राष्ट्र के निर्माण के अभाव की वजह से नहीं, बल्कि ‘ज्यूईश स्टेट’ का निर्माण न होने से जारी है, ऐसा इशारा इस्रायली प्रधानमंत्री ने दिया है। गाजा, दक्षिण लेबनान, ज्यूडिया, समारिया (वेस्ट बैंक) यह प्रदेश हमने मुक्त करने के बाद वहां से हमें ड़रावने आतंक का सामना करना पड़ रहा है, इस पर नेत्यान्याहू ने ध्यान आकर्षित किया। भविष्य के किसी भी समझौते के तहेत और किसी समझौते के बिना भी जॉर्डन नदी के पश्चिमी ओर स्थित इस्रायल, वेस्ट बैंक और गाजा के सभी क्षेत्र पर सुरक्षा के नज़रिये से इस्रायल का ही नियंत्रण रहेगा, यही सबसे अहम शर्त रहेगी, ऐसा इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने स्पष्ट किया।
यह बात पैलेस्टिन की संप्रभुता की कल्पना से मेल नहीं करती, फिर भी हम अपने अमेरिकी मित्रों सो इसे समझा देंगे, यह दावा भी इस्रायल के प्रधानमंत्री ने वार्ता परिषद के दौरान किया। साथ ही इस्रायल की सुरक्षा के विरोध में किसीने कुछ थोंपने की कोशिश की तो हम इसका जोरदार विरोध करेंगे, इन शब्दों में उन्होंने अमेरिका को सख्त संदेश दिया। नेत्यान्याहू ने वार्ता परिषद में किए बयान पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। अमेरिका के ‘नैशनल सिक्योरिटी कौन्सिल’ के प्रवक्ता जॉन किरबाय ने इस बीच यह कहा है कि, किसी मुद्दे पर अमेरिका और इस्रायल की भूमिका अलग अलग हो सकती है।
अक्टूबर महीने में इस्रायल ने हमास के खिलाफ शुरू किए युद्ध के बाद अमेरिका और इस्रायल के बीच बने मतभेद लगातार सामने आ रहे हैं। बायडेन प्रशासन इस्रायल पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा हैं और इस्रायली प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने यह दबाव ठुकराया है। इससे पहले गाजा में शुरू हमलों की तीव्रता और उसका अवधि, सौदी अरब के संबंध और युद्ध विराम जैसे मुद्दों पर बायडेन और नेत्यान्याहू प्रशासन की बनती नहीं हैं, यह भी सामने आया था। इसमें अब पैलेस्टिन राष्ट्र के निर्माण का मुद्दा भी शामिल होता दिख रहा है।
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