बर्लिन/लंदन/पैरिस – अमेरिका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के इशारे के मद्देनज़र ब्रिटेन और फ्रान्स यूरोप की सुरक्षा के लिए ‘न्युक्लियर शिल्ड’ तैनात करें, ऐसी मांग जर्मनी के वित्त मंत्री ख्रिस्तिअन लिंडनर ने की है। यूरोपियन संसद की उपाध्यक्षा एवा जर्मन नेता कैटारिना बार्ले ने भी इससे पहले यह बयान करके ध्यान आकर्षित किया था कि, यूरोप के पास ‘यूरोपियन परमाणु बम’ होना चाहिये। इसी बीच अमेरिका ने पिछले महीने ही ब्रिटेन के अड्डे पर उन्नत ‘बी ६१-१२’ परमाणु बम तैनात करने के संकेत दिए थे।
कुछ दिन पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने यूरोपिय देशों के रक्षाखर्च एवं नाटो के योगदान का मुद्दा उठाया था। यदि नाटो के यूरोपिय देश रक्षा खर्च और नाटो में योगदान बढ़ाते नहीं है तो अमेरिका उनकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी नहीं उठाएगी, ऐसा इशारा ट्रम्प ने दिया था। रशिया ने यूरोपिय देशों पर हमला किया तो भी हम वहां नहीं देखेंगे, ऐसा बयान ट्रम्प ने किया था।
ट्रम्प के इस बयान की अमेरिका में आलोचना हुई थी। साथ ही यूरोपिय देशों ने सावध भूमिका लेकर यह बयान चिंता बढ़ाने वाला है, ऐसी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इस पृष्ठभूमि पर जर्मनी के शासक गुट के वरिष्ठ नेता ने सीधे परमाणु सुरक्षा का मुद्दा उठाना ध्यान आकर्षित करता है। जर्मनी के वित्त मंत्री लिंडनर ने ‘एफएझेड’ अखबार में लिखे लेख में ट्रम्प के बयान का ज़िक्र किया था।
ट्रम्प के बयान के कारण यूरोप की सुरक्षा पर गौर करना होगा, ऐसा लिंडनर ने इस लेख में कहा है। यूरोप में ब्रिटेन और फ्रान्स यह दो देश परमाणु अस्त्र रखते हैं और वह यूरोप की सुरक्षा में अपना योगदान दे रहे हैं। लेकिन, अब इन दो परमाणु देशों ने अपना सहयोग अधिक बढ़ाना ज़रूरी है और यूरोप को ‘न्युक्लियर शिल्ड’ प्रदान करने की दिशा में कदम उठाने होंगे, ऐसा आवाहन लिंडनर ने किया है।
जर्मनी के ‘एसपीडी’ पार्टी की नेता कैटारिना बार्ले ने यह दावा किया कि, भविष्य में यूरोप अपनी सुरक्षा के लिए पुरी तरह से अमेरिका पर निर्भर नहीं रह सकेगा। यूरोप को अब ‘युरोपियन परमाणु बम’ की ज़रूरत है, यह इशारा भी बार्ले ने दिया। नाटो के सदस्य देश ब्रिटेन के बेड़े में २२५ परमाणु अस्त्र है और फ्रान्स के बेड़े में २९० परमाणु अस्त्र मौजूद हैं। इन दोनों देशों ने अपनी परमाणु क्षमता का आधुनिकीकरण करने के लिए आवश्यक कदम भी उठाए हैं।
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