काबुल – ‘अफगानिस्तान में तालिबान के हमले बढ़ते चले जा रहे हैं। अमरीका और नाटो के लष्कर की वापसी पूरी होने के बाद, यहाँ पर आतंकवादी हमलों की तीव्रता अधिक ही बढ़ेगी। अलकायदा का नेटवर्क अफगानिस्तान में अधिक प्रबल होगा और इस आतंकवादी संगठन से अमरीका की सुरक्षा को होनेवाला खतरा अधिक ही बढ़ेगा’, ऐसी चेतावनी अमरीका के सेंट्रल कमांड-सेंटकॉम के प्रमुख जनरल फ्रँक मॅकेन्झी ने दी। अमरिकी रक्षा विभाग की गुप्तचर यंत्रणा ने भी बायडेन प्रशासन को, अफगानिस्तान के अलकायदा के बारे में आगाह किया। चाहे कितना भी नकारा, फिर भी तालिबान का अलकायदा के साथ सहयोग कायम है और ये दोनों संगठन जल्द ही अफगानिस्तान में भीषण हमलें करायेंगे, ऐसा अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ने जताया है।
अमरीका और नाटो ने अफगानिस्तान से अपनी सेनावापसी करने की रफ्तार बढ़ाने की खबरें आई हैं। लेकिन सेनावापसी करने के बावजूद भी अमरीका अफगानिस्तान से मुँह नहीं फेरेगी, ऐसा अमरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किरबाय ने सोमवार को स्पष्ट किया। सेंटकॉम के अधिकारक्षेत्र में आनेवाले खाड़ी क्षेत्र के देशों में स्थित लष्करी अड्डों पर अमरिकी लष्कर की बड़ी तैनाती है, ऐसा किरबाय ने कहा। सेनावापसी की, तो भी अमरीका खाड़ीक्षेत्र में तैनात अपनी सेना का इस्तेमाल, अफगानिस्तान में कार्रवाई के लिए कर सकती है, ऐसा किरबाय सूचित करना चाहते हैं।
लेकिन अफगानिस्तान से पूरी वापसी करने के बाद इस देश के आतंकवादियों के कारनामों पर नजर रखना और उनपर हमले करना अमरीका के लिए मुश्किल होगा, ऐसी चेतावनी सेंटकॉम के प्रमुख जनरल मॅकेन्झी ने अमरिकी न्यूज़ चैनल से बातचीत करते समय दी। खाड़ी क्षेत्र के लष्करी अड्डों पर तैनात विमान, अफगानिस्तान पहुँचने तक ४ से ६ घंटे लग सकते हैं, इसकी याद जनरल मॅकेन्झी ने करा दी।
‘‘पिछले कुछ सालों से अफगानिस्तान में चल रही अमेरिका की कार्यवाही के कारण अलकायदा और ‘आयएस-खोरासन’ इन दोनों आतंकवादी संगठनों की जबरदस्त हानि हुई है। लेकिन अब अमेरिका की वापसी के बाद अलकायदा के आतंकी अफगानिस्तान में निर्माण होने वाले वैक्यूम का फायदा उठाकर अपने हड्डी फिर से बनाएंगे। क्या यह बिल्कुल अगले ही महीने में होगा अथवा आनेवाले छः महीने में होगा, इसके बारे में बता नहीं सकते। लेकिन आनेवाले समय में अलकायदा अफगानिस्तान में फिर से मजबूत होगा और अगर ऐसा हुआ, तो वह अमरीका की सुरक्षा के लिए अधिक खतरनाक साबित होगा’’, ऐसा मॅकेन्झी ने डटकर कहा।
कुछ दिन पहले अमरिकी रक्षा विभाग की गुप्तचर यंत्रणा (डिफेन्स इंटेलिजन्स एजेन्सी-डिआयए) ने भी कहा था कि तालिबान और अलकायदा इन दोनों संगठनों में अभी भी सहयोग है। अमरीका के लष्कर ने अफगानिस्तान से पूरी वापसी करने के बाद ये दोनों आतंकवादी संगठन, पहले जैसे अफगानी जनता और सुरक्षाबलों पर हमले करेंगे, ऐसा डीआयए ने कहा था।
इसी बीच, अफगानिस्तान की गुप्तचर यंत्रणा ‘एनडीएस’ के प्रमुख अहमद झिया सराज भी तालिबान की बढ़ते हमलों पर दुनिया का गौर फरमा रहे हैं। पिछले पाँच महीनों से कम कालावधी में तालिबान ने अफगानिस्तान में ३,५०० हमले किए हैं। पिछले कुछ हफ्तों में इन हमलों की तीव्रता बढ़ी होकर बघलान, हेल्मंड, कंदाहर, कुंदूझ और लघमान प्रांतों में तालिबान के हमले तीव्र होने की जानकारी सराज ने दी है।
इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:
https://twitter.com/WW3Info | |
https://www.facebook.com/WW3Info |