वॉशिंग्टन/लंदन/पैरिस – रशिया ने युक्रेन पर हमले की तीव्रता भारी मात्रा में बढ़ाने के बाद पश्चिमी देशों से उस पर प्रतिक्रिया आई है। अमरीका ने युक्रेन को 77 करोड़ डॉलर्स से अधिक कीमत के हथियारों की सप्लाई करने की घोषणा की होकर, उनमें प्रगत रक्षा सामग्री का समावेश है। फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युअल मॅक्रोन ने, रशिया के युक्रेन पर होने वाले हमले साम्राज्यवादी युद्धखोरी का हिस्सा होने का दोषारोपण किया। ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने ऐसी मांग की है कि युक्रेन पर हमला करने वाले रशिया को नवंबर महीने में होने वाली जी-20 परिषद में सम्मिलित होने का अवसर ना मिलें।
युक्रेन के डोनेत्स्क तथा खार्किव्ह प्रांतों पर रशिया ने ज़बरदस्त हमले किए होकर पिछले दो दिनों में इन हमलों की धार अधिक से अधिक बढ़ी है। अमरीका और पश्चिमी देशों से मिले हथियार तथा रक्षा सामग्री के बल पर युक्रेनी सेना के रशियन सेना पर हमले बढ़ने के बाद, रशिया की युक्रेन विरोधी लष्करी मुहिम अधिक आक्रामक बनी दिख रही है। रशियन आक्रमण की तीव्रता बढ़ने के बाद युक्रेन के समर्थक माने जाने वाले अमरीका और ब्रिटेन ने इसका गंभीर संज्ञान लिया है। फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युअल मॅक्रॉन ने भी रशिया की आलोचना की है।
अमरीका ने युक्रेन के लिए लगभग 77 करोड़, 50 लाख डॉलर्स के अतिरिक्त हथियार तथा प्रगत रक्षा सामग्री की सप्लाई करने का ऐलान किया। इनमें 16 हॉवित्झर यंत्रणाएँ, 1000 जॅव्हलिन सिस्टीम्स्, एचएआरएम-हार्म क्षेपणास्त्रों समेत बोईंग कंपनी ने बनाये 15 ‘स्कॅनईगल ड्रोन्स’ तथा शक्तिशाली विस्फोटों का भी असर ना होनेवाले 40 एमआरएपीएस लष्करी वाहनों का समावेश है। साथ ही, लष्करी वाहनों पर दागे जा सकने वाले ‘दो हजार अँटी आर्मर राऊंडस्’ की सप्लाई भी अमरीका युक्रेनी लष्कर को करने वाली है। रशिया के हमलों की तीव्रता बढ़ने के बाद अमरीका ने घोषित की यह सहायता युक्रेन के युद्ध की दाहकता अधिक की बढ़ाने वाली होगी, इसके स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं।
युक्रेन का युद्ध भड़कने के बाद के दौर में रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन के साथ कई बार बात करके, इस युद्ध को रोकने की कोशिश करनेवाले फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युअल मॅक्रॉन ने रशिया की जमकर आलोचना की। रशिया ने साम्राज्यवादी मानसिकता से अपने भूभाग को फिर से हासिल करने के लिए युक्रेन पर यह भीषण हमले किए हैं, ऐसा दोषारोपण राष्ट्राध्यक्ष मॅक्रॉन ने किया। साथ ही, फ्रान्स समेत युरोपीय देशों की जनता को हालांकि युक्रेन के युद्ध का बहुत बड़ा झटका लग रहा है, फिर भी स्वतंत्रता और अपने मूल्यों की रक्षा के लिए यह कीमत चुकानी ही पड़ेगी, ऐसा संदेश मॅक्रॉन ने दिया है। रशियन सेना युक्रेन में तेजी से घुस रही होकर, अब यह युद्ध हमसे कुछ ही घंटों पर आकर रुका है, इसका एहसास फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने करा दिया।
ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन पर हमला करने वाले रशिया का राजनीतिक बहिष्कार करने का आवाहन किया है। नवंबर महीने में इंडोनेशिया के बाली में होने वाली जी-20 की बैठक में रशिया का सहभाग रोकने का आवाहन ब्रिटेन ने सदस्य देशों को किया। युक्रेन के युद्ध में तटस्थ भूमिका अपनाने वाले कुछ देश जी-20 में होकर, ब्रिटेन ने की यह मांग मान्य होने की संभावना नहीं है। लेकिन इस युद्ध में तटस्थ रहकर अप्रत्यक्ष रूप में रशिया का समर्थन करने वाले देशों पर ब्रिटेन की इस मांग से दबाव आ सकता है।
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