मास्को – अमरीका ही यूक्रेन युद्ध करानेवाला और इससे लाभ उठाने वाला देश है, ऐसा आरोप रशिया के उप-विदेश मंत्री सर्जेई रिब्कोव ने लगाया। अमरिकी रक्षा उद्योग को यूक्रेन युद्ध की वजह से काफी लाभ हो रहा है। इसकी वजह से यूक्रेन युद्ध करानेवाली और इसका सबसे बड़ा लाभ उठानेवाली अमरीका ही है। यूक्रेन को टैंक्स देने के लिए तैयार जर्मनी जैसे देश अमरीका की रणनीति के मोहरे हैं, ऐसी आलोचना रिब्कोव ने की।
अमरीका के अलावा जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रान्स ने भी यूक्रेन को प्रगत टैंक्स देने का ऐलान किया है। ऐसा करके इन देशों ने यूक्रेन युद्ध में अपना सहयोग दर्शाया है, ऐसा आरोप रशिया ने लगाया था। साथ ही रशिया ने इस पर जोरदार प्रत्युत्तर देने की तैयारी भी शुरू की है। ऐसी स्थिति में जर्मनी एवं अन्य यूरोपिय देशों को यूक्रेन के लिए टैंक्स देने के लिए मज़बूर करके अमरीका ने इस युद्ध में यूरोपिय देशों को घसीटा है, यह दावा रशिया के उप-विदेश मंत्री सर्जेई रिब्कोव ने किया।
यूक्रेन युद्ध अमरीका ने ही शुरू करवाया है और अमरीका ही इस युद्ध का सबसे बड़ा लाभार्थी है, यह आरोप लगाकर रिब्कोव ने अमरीका की कड़ी आलोचना की।
यूक्रेन युद्ध में अमरीका अपने बनाए हुए हथियारों का प्रयोग कर रही है। रशिया के खिलाफ इन हथियारों का इस्तेमाल करने के प्रयोग के अलावा अमरीका अपने पुराने हथियार भी यूक्रेन पर थोंप रही है, ऐसा दावा सर्जेई रिब्कोव ने किया। ऐसे सभी लाभ प्राप्त करने के लिए यूक्रेन युद्ध यह अमरीका द्वारा पुख्ता योजना के तहत करवाई गई घटना है, ऐसा अनुमान रिब्कोव ने दर्ज़ किया है।
इसी के साथ अमरीका यूक्रेन की सेना को प्रदान कर रहे ‘अब्राहम’ टैंक्स से यूक्रेन को लाभ नहीं होगा, ऐसी फटकार भी रशिया के उप-विदेश मंत्री ने लगाई है।
अमरीका के रक्षा उद्योग को यूक्रेन युद्ध से बड़ा लाभ मिल रहा है, इस मुद्दे पर रिब्कोव ने ध्यान आकर्षित किया। लेकिन, यूरोपिय देश अमरीका की इस रशिया विरोधी रणनीति में प्यादा बने हुए हैं, ऐसा रिब्कोव ने आगे कहा। लेकिन, अमरीका और नाटो के यूक्रेन को इस युद्ध में सहायता करने के दांव सफल नहीं होंगे बल्कि, यह घातक दांव उन्हीं देशों पर भारी पड़ेंगे, ऐसा इशारा रशियन उप-विदेश मंत्री ने दिया। कुछ दिन पहले हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ने भी लगभग इन्हीं शब्दों में यूक्रेन युद्ध के प्रति अपनी भूमिका रखी थी। अमरीका अपने रशिया विरोधी दांव और सैनिकी हितों के लिए यूरोपिय देशों का इस्तेमाल कर रही है और यह बात यूरोपिय देशों के लिए घातक होगा, क्योंकि यूक्रेन युद्ध का सीधा प्रभाव अन्त में यूरोपिय देशों को ही भूगतना पडेगा, ऐसी चेतावनी प्रधानमंत्री ऑर्बन ने दी थी।
रशिया के अन्य नेता भी यूरोपिय देशों को अमरीका के इन दांवों का अहसास करा रहे हैं। यूक्रेन को नाटो में शामिल करने की गतिविधियां अमरीका ने नहीं की होतीं तो रशिया ने यूक्रेन पर हमला ही नहीं किया होता, इस बात पर रशिया का पक्ष लेनेवाले देशों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के नामांकित विश्लेषक भी ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
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