वॉशिंग्टन/तेल अवीव: अमेरिका का और एक विमान वाहक युद्धपोत ‘यूएसएस डी. ड्विट आयसेनहावर’ भूमध्य समुद्र के पूर्व में तैनात किया जाएगा। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉईड ऑस्टिन ने यह ऐलान किया है। इससे पहले अमेरिका ने ‘यूएसएस जिराल्ड फोर्ड’ इस विमान युद्धपोत को अपने बेड़े के साथ भूमध्य समुद्र में तैनात किया है। इन दोनों युद्धपोतों की तैनाती इस्रायल ने हमास के विरोध में शुरू किए युद्ध में उतरने की धमकी दे रहे ईरान और हिजबुल्लाह पर दबाव बढ़ाने के लिए होने की बात दिख रही है। अमेरिका की इस तैनाती का इस्रायली रक्षाबलों को बड़ा सामरिक लाभ प्राप्त होगा।
अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने पैलेस्टिनी राष्ट्राध्यक्ष महमूद अब्बास से फोन पर बातचीत की। हमास ने इस्रायल पर हमला करने के बाद पहली बार अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने पैलेस्टिन के राष्ट्राध्यक्ष से बातचीत की है। संयुक्त राष्ट्र संघ, इजिप्ट और जॉर्डन के सहयोग से गाजा की जनता तक मानवी सहायता पहुंचाने का प्रस्ताव राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने इस चर्चा के दौरान रखा। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू से भी फोन पर बातचीत की।
इन दोनों नेताओं से हुई चर्चा में वर्तमान में शुरू संघर्ष अधिक तीव्र न हो, इस दिशा में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने जोर लगाने का दावा अमेरिका कर रही हैं। साथ ही इस्रायल पर अमानवी हमले करने वाली हमास कोई पैलेस्टिनी जनता का प्रतिनिधित्व कर रही संगठन नहीं हैं, यह भी अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने स्पष्ट किया। हमास के आतंकवादी बच्चों को आगे करके लड़ रहे हैं, ऐसी आचोलना भी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने की है। हमास की आलोचना करते हुए, गाजा में पैलेस्टिनी जनता को मानवी सहायता प्राप्त होना आवश्यक है, यह कहकर इसके लिए अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष कोशिश करते दिख रहे हैं।
इस्रायल ने गाजा पर सैन्य कार्रवाई करने की बड़ी तैयारी जुटाई है और इस्रायली सैनिक जल्द ही यह कार्रवाई शुरू करेंगे, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, इस्रायली सेना ने गाजा में प्रवेश किया तो लेबनान की सीमा से हिजबुल्लाह इस्रायल पर हमले करेगी, ऐसी धमकी इस आतंकवादी संगठन ने दी है। ईरान भी इसके विरोध में इस्रायल को चेतावनी दे रहा हैं। इस्रायल के विरोध में मोर्चा खोलने के लिए ईरान खाड़ी क्षेत्र के अन्य देशों से सहायता पाने की बड़ी कोशिश कर रहा हैं।
ईरान और ईरान से जुड़ी आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के साथ इस्रायल पर हमले करने की तैयारी जुटाए बैंठे गुट और देशों को ‘आगाह’ करने के लिए अमेरिका ने हाल ही के दिनों में अपने विशाल विमान वाहक युद्धपोत ‘यूएसएस फोर्ड’ को भूमध्य समुद्र की दिशा में रवाना किया था। अब ‘यूएसएस आयसेनहावर’ भी इस क्षेत्र के लिए रवाना करके अमेरिका ने इस्रायल विरोधी युद्ध में न उतरने की दी हुई चेतावनी खोखली नहीं हैं, इसका अहसास कराया है। यह दोनों युद्धपोत किसी तैरते सैन्य अड्डे की तरह हैं और सटिक हमला करने की क्षमता के उन्नत मिसाइलों से लैस हैं। इन युद्धपोतों पर मौजूद उन्नत लड़ाकू विमानों के ज़रिये किसी भी संगठन और देश को राख में तब्दिल करने वाले भीषण हमले करना मुमकिन है। इस तबाही की तैयारी रखकर ही इस्रायल विरोधी निर्णय करें, ऐसा इशारा ही ईरान और ईरान समर्थक संगठन और देशों को अमेरिका देती दिख रही है।
लेकिन, इस तैनाती के साथ ही राजनीतिक संतुलन बनाने के लिए अमेरिका ने गाजा की जनता को मानवी सहायता प्रदान करने के लिए पहल करने की तैयारी की है। लेकिन, अमेरिका की इन गतिविधियों की परवाह किए बिना हिजबुल्लाह और हिजबुल्लाह की बागड़ोर नियंत्रित कर रहे ईरान ने यदि इस्रायल पर हमला किया तो खाड़ी क्षेत्र में विश्व युद्ध की चिंगारी भड़क सकती है, ऐसी चेतावनी विश्लेषक दे रहे हैं। एक ही समय पर चीन और रशिया जैसे देश का पूरा समर्थन पाए बिना ईरान यह खतरा नहीं उठाएगा, यह भी विश्लेषक कह रहे हैं। लेकिन, रशिया ने इस्रायल पर हमास ने किए हमले का निषेध करके हम इस युद्ध में इस्रायल के विरोध में नहीं जाएंगे, ऐसे संकेत दिए हैं। इसी वजह से ईरान एवं इस्रायली नागरिकों के खिलाफ खड़े हुए देशों की हिचकिचाहट होने का अनुमान कुछ निरिक्षकों ने व्यक्त किया है।
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