अमेरिका ने सीरिया में ईरान के बनाए ठिकानों पर किए हवाई हमले

- ईरान ने प्रत्युत्तर देने की दी धमकी

अमेरिका ने सीरिया में ईरान के बनाए ठिकानों पर किए हवाई हमले

वॉशिंग्टन/तेहरान: अमेरिका के लड़ाकू विमानों ने सीरिया में ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ और ईरान से जुड़ी आतंकवादी संगठनों ने बनाए आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए। इससे दोनों ठिकानों का भारी नुकसान हुआ हैं और हमलों में लोगों के हताहत होने की संभावना भी जताई जा रही हैं। ईरान से जुड़े आतंकवादियों ने इराक और सीरिया में तैनात अमेरिकी सैनिकों पर पिछले दो हफ्तों से हमले किए हैं। इसके जवाब में और आत्मरक्षा के लिए यह कार्रवाई करने का ऐलान पेंटॅगॉन ने किया। अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने खाड़ी में अमेरिकी सैनिकों पर हुए हमले बर्दाश्त नहीं करेंगे, यह कहकर चेतावनी दी है। वहीं, ईरान ने संयुक्त राष्ट्र संघ के व्यासपीठ से चेतावनी देते हुए अमेरिका को बिल्कुल भी बक्शेंगे नहीं, ऐसा कहा है।

इस्रायल ने गाजा पट्टी की हमास और लेबनान की हिजबुल्लाह के विरोध में सैन्य अभियान शुरू किया है। इस्रायल की इस कार्रवाई के सहायत में अमेरिका ने अपने विमान वाहक युद्धपोत, विध्वंसक और पनडुब्बी का बेड़ा भूमध्य समुद्र में तैनात किया है। साथ ही पिछले ती हफ्तों में अमेरिका की सेना के ५० से अधिक मालवाहक विमानों से इस्रायल को हथियार प्रदान किए गए हैं। भूमध्य समुद्र के साथ ही अमेरिका ने पर्शियन खाड़ी और रेड सी के क्षेत्र में भी युद्धपोत तैनात किए हैं।

गाजा पट्टी में इस्रायल की शुरू कार्रवाई में अमेरिका सहयोग कर रही हैं, ऐसा आरोप लगाकर इराक और सीरिया में मौजूद ईरान से जुड़ी आतंकवादी संगठनों ने पिछले दो हफ्तों में अमेरिका के सैन्य ठिकाने और सैनिकों पर ड्रोन, रॉकेट और मिसाइलों के १६ हमले किए। इससे एक की मौत हुई और २१ अमेरिकी सैनिक घायल हुए हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में इराक-सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर हुए हमलों के लिए ईरान ज़िम्मेदार होने का आरोप लगाया था।

इसके दो दिन बाद ही शुक्रवार की सुबह अमेरिका के लड़ाकू ‘एफ-१५ ई’ विमानों ने सीरिया के पूर्वीय हिस्से में जमकर हमले किए। वहां के अबू बुकमल और अल-तन्फ क्षेत्र को अमेरिका ने लक्ष्य किया। अमेरिकी सैनिकों को निशाना बना रहे शत्रु पर आत्मरक्षा में यह कार्रवाई की गई, ऐसा अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉईड ऑस्टिन ने कहा है। साथ ही सैनिकों पर हमले करके अमेरिका के संयक को परखने का काम ईरान न करें, ऐसा इशारा ऑस्टिन ने दिया है। अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने भी खाड़ी में तैनात अमेरिकी सैनिकों पर हमले होना बर्दाश्त नहीं करेंगे, ऐसी चेतावनी दी है। फिलहाल सीरिया के उत्तरी ओर युक्रेटस नदी के इलाके में अमेरिका के १००० सैनिक तैनात हैं |

सीरिया में ईरान के ठिकानों पर अमेरिका ने यह कार्रवाई करने की वजह से आगे के समय में ईरान और अमेरिका का सिधा संघर्ष होने की संभावना बढ़ने का दावा अमेरिकी विश्लेषक कर रहे हैं। इस्रायल ने गाजा पट्टी में सैन्य कार्रवाई कर रहा हो, फिर भी इसके पीछे अमेरिका है, ऐसा आरोप ईरान ने लगाया है। पैलेस्टिनी नागरिकों पर इस्रायल के हो रहे हमलों को अमेरिका का समर्थन हैं और इस्रायल उतना ही अमेरिका भी युद्ध गुनाहगार है, ऐसा आरोप ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्ला खामेनी ने लगाया था। साथ ही गाजा में इस्रायल के हो रहे हमले अमेरिका रोक दे, यह इशारा भी खामेनी ने दिया था। लेकिन इस्रायल को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार होने का ऐलान अमेरिका ने किया है। इस पृष्ठभूमि पर गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र संघ के व्यासपीठ से बोलते हुए ईरान के विदेश मंत्री आमिर अब्दोल्लाहियान ने अमेरिका को धमकाया। गाजा पट्टी में शुरू हत्याकांड़ बंद नहीं हुआ तो इस्रायल के साथ अमेरिका को भी बक्शेंगे नहीं, ऐसा ईरान के विदेश मंत्री ने धमकाया है। पैलेस्टिनियों की सुरक्षा के लिए ईरान अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं और कतर और तुर्की भी इसमें शामिल होंगे, ऐसी चेतावनी अब्दोल्लाहियान ने दी। इसके बाद इस्रायल-हमास संघर्ष का दायरा बढ़ेगा और इसह संघर्ष से खाड़ी में अमेरिका-ईरान संघर्ष शुरू होने की संभावना बढ़ी हैं, ऐसा दावा अमेरिकी विश्लेषक कर रहे हैं।