चर्चा असफल होने के बाद रशिया ने यूक्रैन पर जारी हमलों की बढ़ाई तीव्रता

मास्को/किव – रशिया और यूक्रैन की चर्चा असफल होने के बाद रशिया ने यूक्रैन पर हमलों की तीव्रता अधिक बढ़ाई है| राजधानी किव एवं उत्तरी ओर के चेर्निव और निज़िन शहरों पर रशिया ने जोरदार हमले करने की खबरें प्राप्त हो रही हैं| राजधानी किव के उपनगर इरपिन में रशिया के हमले में ३०० नागरिक और ५० सैनिक मारे जाने की जानकारी यूक्रैन ने साझा की| तथा किव एवं अन्य शहरों के करीब मौजूद रशियन सेना पीछे हटने के दावे खारिज़ हुए हैं और वहां पर रशियन सेना अधिक आक्रामक होने की खबरें सामने आ रही हैं|

चर्चा असफल

रशिया के क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने तुर्की के इस्तंबुल शहर में हुई रशिया-यूक्रैन बैठक असफल होने का ऐलान किया| इस चर्चा से कुछ सकारात्मक बातें सामने आयी हैं| फिर भी यूक्रैन को युद्धविराम के लिए अभी बहुत कुछ करना पड़ेगा, यह इशारा पेस्कोव ने दिया है| सन २०१४ में रशिया ने यूक्रैन के क्रिमिया पर कब्ज़ा करके इस क्षेत्र को अपने देश से जोड़ दिया था| इस पर यूक्रैन को चर्चा करनी है| लेकिन, इस बात पर चर्चा संभव ना होने का बयान करके पेस्कोव ने क्रिमिया रशिया का ही क्षेत्र होने की बात ड़टकर कही| तो, दूसरी ओर यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेन्स्की ने इस चर्चा के मुद्दे पर बिल्कुल अलग प्रतिक्रिया दर्ज़ की| इस चर्चा के बाद रशिया पर भरोसा नहीं किया जा सकता, ऐसा बयान यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष ने किया|

इसी बीच, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन जल्द ही यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष से चर्चा करेंगे, यह जानकारी वाईट हाऊस ने साझा की| तो, फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने फिर से यूक्रेन मुद्दे पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन से फोन पर बातचीत करने का वृत्त है| यूक्रैन की जनता के लिए मानवीय सहायता प्रदान करने के साथ मारिओपोल एवं अन्य शहरों से नागरिकों को बाहर निकालने के मुद्दे पर इस दौरान चर्चा होने की बात कही जा रही है| लेकिन, इस मानवीय सहायता से भी रशिया ने अपने ईंधन की खरीद के लिए रखी शर्तों पर फ्रान्स विचार कर रहा है, यह बात इस चर्चा से सामने आयी| इसकी वजह से अमरीका और पश्‍चिमी देश बेचैन होते दिखाई दिए|

अमरीका ने रशिया पर प्रतिबंध लगाकर इस देश के ईंधन निर्यात में बाधा निर्माण की है| इसलि रशिया से ईंधन खरीदनेवाले देश मुश्किल में पड़ गए हैं| ऐसी स्थिति में हमारे ईंधन के लिए डॉलर्स नहीं बल्कि रशियन मुद्रा रुबल का इस्तेमाल करें, यह शर्त रशिया ने रखी है| फ्रान्स इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है, यह बात राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन और राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की चर्चा से स्पष्ट होने के दावे किए जा रहे हैं|

रशिया यूरोप को मुफ्त में ईंधन देने के लिए तैयार नहीं है, ऐसा कहकर दिमित्री पेस्कोव ने रशियन ईंधन पर निर्भर यूरोपिय देशों को इशारा दिया| ऐसे में कुछ यूरोपिय देश भी ईंधन के मुद्दे पर रशिया की बेरुखी बर्दाश्त नहीं करेंगे, ऐसा कहकर ईंधन के लिए अन्य विकल्प तलाश रहे हैं| लेकिन, उनकी इस कोशिश को अभी ज्यादा कामयाबी नहीं मिली है| ऐसी स्थिति में भी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने रशिया पर लगाए गए प्रतिबंध अधिक तीव्र करने का आवाहन ब्रिटेन के सहयोगी देशों से किया हैं| यूक्रैन से सभी रशियन सैनिक वापस नहीं जाते, तब तक रशिया पर लगाए गए प्रतिबंधों की तीव्रता बढ़ाना आवश्यक होने का संदेश ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने दिया है| लेकिन, कुछ यूरोपिय देश रशियन ईंधन के अलावा हमारे सामने विकल्प ना होने का बयान करके अमरीका एवं ब्रिटेन का विरोध कर रहे हैं|

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